Question:

'दोहा' छंद अथवा 'कुण्डलिया' छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

Show Hint

दोहा छंद 13-11 मात्राओं का होता है, जबकि कुण्डलिया छंद दोहा और रोला का मिश्रण होता है।
Updated On: Nov 14, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

दोहा छंद: दोहा छंद हिंदी कविता का अत्यंत प्रसिद्ध छंद है, जिसमें प्रत्येक पंक्ति 13-11 मात्राओं की होती है। इसमें चार चरण होते हैं और तुकांत पहले और तीसरे चरण में समान होते हैं।
उदाहरण: संत न छोड़ै संतई, जो लाख करे अपराध। कदली सीप भुजंगमुख, स्वभाव न त्यागै साध॥ (इस दोहे में बताया गया है कि संत कभी भी अपनी संत प्रकृति नहीं छोड़ते, चाहे कोई उनके साथ कितनी भी बुराई करे।)
कुण्डलिया छंद: कुण्डलिया छंद दोहा और रोला छंद के संयोग से बनता है। इसकी विशेषता यह है कि पहले दोहे की अंतिम पंक्ति ही रोला की पहली पंक्ति बनती है, जिससे यह कुण्डली के समान दिखाई देता है।
उदाहरण: मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। मन के जीते जीत, जगत में यही प्रमाण। कर्म करे इंसान, मिले उसके परिणाम॥ (इस कुण्डलिया छंद में मनोबल की महत्ता को दर्शाया गया है।)
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on हिंदी साहित्य

View More Questions