Question:

दिए गए कवियों में से किसी एक कवि का जीवन-परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए: (i) महाकवि सूरदास (ii) बिहारीलाल (iii) मैथिलीशरण गुप्त (iv) सुभद्रा कुमारी चौहान 
 

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कवियों का जीवन-परिचय लिखते समय उनके काव्य की प्रमुख विशेषताओं, भाषा-शैली और रस-अलंकार के प्रयोग पर प्रकाश डालना उत्तर को और भी प्रभावी बनाता है।
Updated On: Nov 10, 2025
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Solution and Explanation

(i) महाकवि सूरदास
जीवन-परिचय:
हिंदी साहित्य के कृष्ण-भक्ति काव्य-धारा के श्रेष्ठतम कवि महाकवि सूरदास का जन्म सन् 1478 ई. के लगभग आगरा से मथुरा जाने वाली सड़क पर स्थित रुनकता नामक ग्राम में हुआ था। कुछ विद्वान् इनका जन्म-स्थान दिल्ली के निकट 'सीही' ग्राम को मानते हैं। ये सारस्वत ब्राह्मण थे और जन्मांध थे या नहीं, इस संबंध में विद्वानों में मतभेद है।
ये बचपन से ही विरक्त हो गए थे और गऊघाट पर रहकर विनय के पद गाया करते थे। एक बार इनकी भेंट महाप्रभु वल्लभाचार्य से हुई। वल्लभाचार्य ने इन्हें अपना शिष्य बना लिया और श्रीनाथजी के मंदिर में कीर्तन का भार सौंप दिया। वल्लभाचार्य के पुत्र विट्ठलनाथ ने 'अष्टछाप' नाम से आठ कृष्णभक्त कवियों का जो संगठन किया था, सूरदास जी उसके सर्वश्रेष्ठ कवि थे। इनकी मृत्यु सन् 1583 ई. के लगभग गोवर्धन के पास पारसौली नामक ग्राम में हुई।
साहित्यिक परिचय:
सूरदास जी ने कृष्ण की बाल-लीलाओं और प्रेम-लीलाओं का जो मनोरम, सजीव और मनोवैज्ञानिक वर्णन किया है, वह हिंदी साहित्य में अद्वितीय है। इन्होंने वात्सल्य और श्रृंगार रस को अपनी रचनाओं का मुख्य आधार बनाया। इनके पद गेय हैं और उनमें भाव-सौंदर्य तथा कला-सौंदर्य का अद्भुत समन्वय मिलता है।
प्रमुख रचना:
सूरसागर: यह सूरदास जी की कीर्ति का अक्षय भंडार है। इसमें सवा लाख पद होने की बात कही जाती है, किन्तु अब तक लगभग दस हजार पद ही प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त 'सूरसारावली' और 'साहित्य-लहरी' भी इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
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