'ध्रुवयात्रा' अथवा 'बहादुर' कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। (अधिकतम शब्द - सीमा : 80 शब्द)
'ध्रुवयात्रा' कहानी का उद्देश्य: 'ध्रुवयात्रा' कहानी सियारामशरण गुप्त द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक कथा है, जिसका उद्देश्य संघर्ष, तपस्या और धैर्य के महत्व को समझाना है। इस कहानी में ध्रुव नामक बालक की कठिन यात्रा का वर्णन है, जो सत्य और आत्मज्ञान की खोज में अडिग रहता है। यह कथा हमें सिखाती है कि यदि मनुष्य में दृढ़ संकल्प और समर्पण हो, तो वह किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है। ध्रुव का चरित्र आत्मबल, निष्ठा और धैर्य का प्रतीक है, जो पाठकों को प्रेरित करता है।
'बहादुर' कहानी का उद्देश्य: 'बहादुर' कहानी हरिशंकर परसाई द्वारा लिखित एक सामाजिक व्यंग्य कथा है, जिसका उद्देश्य सामाजिक असमानता, जातिगत भेदभाव और दिखावे की मानसिकता पर कटाक्ष करना है। इस कहानी में 'बहादुर' नामक वफादार कुत्ते के माध्यम से समाज की रूढ़िवादिता और भेदभावपूर्ण सोच को उजागर किया गया है। लेखक यह संदेश देता है कि सच्ची बहादुरी बाहरी दिखावे से नहीं, बल्कि आंतरिक गुणों और सच्ची निष्ठा से आती है। यह कहानी समाज में व्याप्त पाखंड और वर्गभेद को व्यंग्यात्मक शैली में प्रस्तुत करती है।
‘दूसरा देवदास’ कहानी के आधार पर लिखिए कि संभव की नानी उसको लेकर क्यों चिंतित हो गईं । इस तरह का व्यवहार बुज़ुर्गों के स्वभाव के किन पक्षों को उजागर करता है ?
कहानी को रोचक बनाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है ? पढ़ी हुई किसी कहानी के उदाहरण से अपनी बात स्पष्ट कीजिए।
सबसे पहले कविता शब्दों से खेलने का प्रयास है – कैसे ? सोदाहरण लिखिए।
कहानी में पात्रों का महत्त्व स्पष्ट करते हुए अपनी किसी पसंदीदा कहानी के प्रमुख पात्र की चर्चा करते हुए लिखिए कि कहानीकार ने उसकी रचना में किन बातों का विशेष ध्यान रखा है।
‘घड़ी के पुर्जे’ पाठ के संदर्भ में ‘घड़ीसाज़' को भी घड़ी खोलकर देखने की इज़ाज़त न देने का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए लिखिए कि इसका क्या दुष्परिणाम होगा।