Question:

लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए : डॉ० भगवतशरण उपाध्याय 
 

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डॉ. भगवतशरण उपाध्याय का जीवन-परिचय लिखते समय उनके पुरातत्त्व और इतिहास के ज्ञान को उनके लेखन से जोड़कर प्रस्तुत करें। यह उनके साहित्यिक व्यक्तित्व को समझने में मदद करता है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

जीवन-परिचय:
प्रसिद्ध साहित्यकार, पुरातत्त्ववेत्ता एवं निबन्धकार डॉ. भगवतशरण उपाध्याय का जन्म सन् 1910 ई. में बलिया जिले के उजियारपुर नामक ग्राम में हुआ था। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में ही प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय चले गए, जहाँ से इन्होंने प्राचीन इतिहास में एम.ए. किया। वे पुरातत्त्व विभाग, प्रयाग संग्रहालय एवं लखनऊ संग्रहालय के अध्यक्ष तथा बिड़ला महाविद्यालय में प्राध्यापक भी रहे। इन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष पद पर कार्य किया और वहीं से अवकाश ग्रहण किया। सन् 1982 ई. में इनका निधन हो गया। साहित्यिक योगदान:
उपाध्याय जी ने पुरातत्त्व, इतिहास, संस्कृति, यात्रा-वृत्तान्त और निबन्ध जैसे विविध विषयों पर 100 से भी अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी भाषा-शैली तत्सम-प्रधान होते हुए भी सरल और प्रवाहमयी है। 'अजंता' जैसे पाठों के माध्यम से उन्होंने भारतीय संस्कृति और कला का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है। प्रमुख रचना:
खून के छींटे (इतिहास-साक्षी निबन्ध)। इसके अतिरिक्त ठूँठा आम (निबन्ध-संग्रह), इतिहास साक्षी है और सागर की लहरों पर (यात्रा-वृत्तान्त) इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
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