चित्राणि यथासंयुक्तं मिलयत। 
चरण 1: चित्राणां अवलोकनं।
प्रत्येकं चित्रं यथावत् निरीक्ष्य, तस्य विषये सम्बन्धितं वर्णनं द्रष्टव्यम्। प्रत्येकं चित्रं दत्तं विकल्पेण योग्यतया मिलयितव्यम्।
(1) चित्र 1: प्रथमं चित्रं मुद्रापटं दर्शयति, यः "मुद्रापटम् (A)" इति योग्यतया उत्तरं प्रकटयति।
(2) चित्र 2: द्वितीयं चित्रं वस्त्रपरिधानं दर्शयति, यः "वस्त्रपरिधानम् (B)" इति योग्यतया उत्तरं प्रकटयति।
(3) चित्र 3: तृतीयं चित्रं खाद्यपदार्थं संग्रहणं दर्शयति, यः "खाद्यपदार्थं संग्रहणम् (C)" इति योग्यतया उत्तरं प्रकटयति।
(4) चित्र 4: चतुर्थं चित्रं प्राचीनलेखं दर्शयति, यः "प्राचीनलेखः (D)" इति योग्यतया उत्तरं प्रकटयति।
(5) चित्र 5: पञ्चमं चित्रं आकाशदृश्यं दर्शयति, यः "आकाशदृश्यं (E)" इति योग्यतया उत्तरं प्रकटयति।
चरण 2: निष्कर्षः।
सर्वे चित्राणि यथासंयुक्तं मिलयित्वा, उक्तानि उत्तराणि सह प्रतिवेदनम्।
- (1) चित्र 1 - (A) मुद्रापटम्
- (2) चित्र 2 - (B) वस्त्रपरिधानम्
- (3) चित्र 3 - (C) खाद्यपदार्थं संग्रहणम्
- (4) चित्र 4 - (D) प्राचीनलेखः
- (5) चित्र 5 - (E) आकाशदृश्यं
निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) मुँह लाल होना
(ii) टाँग अड़ाना
अथवा
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :
(तिलमिला जाना, काँप उठना)
पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही \underline{क्रोध में आ गए}।
Information Transfer: Answer the following question based on the given tree-diagram.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(4) सार्वजनिक रुग्णालयों की स्थिति के बारे में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।