Question:

चॉल इमारतों को समझाइये। 
 

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चॉलों को भारत में औद्योगीकरण और शहरीकरण के सामाजिक-आर्थिक इतिहास के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखें, जो श्रमिक वर्ग के जीवन और संस्कृति को दर्शाते हैं।
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Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न 'चॉल' नामक एक विशिष्ट प्रकार की आवासीय इमारत की व्याख्या करने के लिए कह रहा है, जो विशेष रूप से मुंबई में पाई जाती है।
Step 2: Detailed Explanation:
चॉल बहुमंजिला आवासीय इमारतें हैं जो भारत के पश्चिमी शहरों, विशेषकर मुंबई में पाई जाती हैं। इनकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
  • ऐतिहासिक संदर्भ: चॉलों का निर्माण 19वीं शताब्दी के मध्य में कपड़ा मिलों और कारखानों में काम करने के लिए शहरों में आने वाले प्रवासी श्रमिकों की बड़ी संख्या को आवास प्रदान करने के लिए किया गया था।
  • वास्तुशिल्प संरचना: एक विशिष्ट चॉल में एक या दो कमरों वाली कई छोटी आवासीय इकाइयाँ (खोली) होती हैं, जो एक लंबे, खुले गलियारे या बालकनी से जुड़ी होती हैं। शौचालय और स्नानघर आमतौर पर साझा होते हैं और प्रत्येक मंजिल पर गलियारे के अंत में स्थित होते हैं।
  • सामाजिक जीवन: चॉल अपने निवासियों के बीच साझा स्थानों और निकटता के कारण एक मजबूत सामुदायिक भावना और सामाजिक बंधन को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं।
Step 3: Final Answer:
संक्षेप में, चॉल मुंबई जैसे शहरों में मिल मजदूरों के लिए बनाई गई बहुमंजिला इमारतें हैं, जिनकी पहचान साझा गलियारों और सुविधाओं से होती है, और जो एक घनिष्ठ समुदाय की भावना पैदा करती हैं।
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