बुद्धिवाद और अनुभववाद में क्या अन्तर है?
Step 1: ज्ञान-स्रोत.
बुद्धिवाद—जन्मजात विचार/स्वयंसिद्धियाँ और निगमन प्रमुख; अनुभववाद—संवेदना–प्रत्यक्ष और आगमन/प्रयोग प्रमुख।
Step 2: वस्तु-मीमांसा पर प्रभाव.
बुद्धिवादी गणित/तर्क की अनिवार्यता से metaphysics की रचना करते हैं; अनुभववादी कारणता, स्व-आइडेंटिटी आदि पर संशय उठा कर ज्ञान की सीमाएँ दिखाते हैं।
Step 3: आलोचनाएँ.
शुद्ध बुद्धि बिना अनुभव रिक्त, और शुद्ध अनुभव बिना तर्क अंधा—कान्त का समन्वय: "विचार बिना अंतर्वस्तु शून्य, अंतर्वस्तु बिना विचार अन्धी।"
Step 4: भारतीय परिप्रेक्ष्य.
न्याय—प्रत्यक्ष+अनुमान+उपमान+शब्द; बौद्ध—प्रतीत्यसमुत्पाद/क्षणिकता; वेदान्त—श्रुति+युक्ति+अनुभव—समन्वयवादी दृष्टि।
ज्ञान प्राप्त करने वाले को क्या कहते हैं?
अनुभववाद के समर्थक हैं
भारतीय दर्शन में 'यथार्थ ज्ञान' कहलाता है—
लाइबनिज के अनुसार ज्ञान का स्रोत क्या है ?
कान्ट के अनुसार ज्ञान का स्रोत क्या है ?