Question:

‘बरवै' छन्द अथवा 'इन्द्रवज्रा' छन्द की सोदाहरण परिभाषा लिखिए। 
 

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बरवै छन्द मात्रिक छन्द है, जबकि इन्द्रवज्रा छन्द वर्णिक छन्द है। बरवै छन्द का प्रयोग हिंदी में, तथा इन्द्रवज्रा छन्द का प्रयोग संस्कृत में अधिक होता है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

बरवै छन्द: बरवै छन्द एक मात्रिक छन्द है, जिसमें प्रत्येक चरण में 7+4 अर्थात 11 मात्राएँ होती हैं। यह दो पंक्तियों में विभाजित होता है और इसके अंत में गुरु मात्रा होती है। इसे विशेष रूप से भक्ति एवं नीति विषयक काव्य रचनाओं में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: बरवै खेलत स्याम बिहारी। गोपिन संग मन मोहनि हारी॥ (इसमें प्रत्येक चरण में 7+4 = 11 मात्राएँ हैं।)
इन्द्रवज्रा छन्द: इन्द्रवज्रा छन्द संस्कृत का एक प्रमुख वर्णिक छन्द है, जिसमें प्रत्येक पंक्ति में 11 वर्ण होते हैं। इसकी गति ‘गुरु-लघु-गुरु-गुरु-लघु-गुरु-लघु-गुरु-लघु-गुरु’ होती है। यह छन्द वीर रस से ओतप्रोत काव्यों में प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: वज्रं चक्रं च कृपाणमासिजम्। (इसमें 11 वर्ण हैं और वर्णक्रम इन्द्रवज्रा छन्द के अनुरूप है।)
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