Question:

दिये गये संस्कृत गद्यांश का समतुल्य हिन्दी में अनुवाद कीजिए। 
बौद्धयुगे इमे सिद्धान्ताः वैयक्तिकजीवनस्य अभ्युदयानाय प्रयुक्ताः आसन्। परम् अद्य इमे सिद्धान्ताः राष्ट्राणां परस्पर मैत्री सहयोगकारणानि विश्वबन्धुत्वस्य विश्वशान्तेः च साधनानि सन्ति। राष्ट्रनायकस्य श्रीजवाहरलालनेहरूमहोदयस्य प्रधानमन्त्रित्वकाले चीनदेशेन सह भारतस्य मैत्री पञ्चशीलसिद्धान्ताधिष्ठिता एवा अभवत्।

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अनुवाद लिखते समय सबसे पहले संस्कृत वाक्यों का भाव समझें और फिर सरल एवं प्रवाहपूर्ण हिन्दी में प्रस्तुत करें।
Updated On: Oct 11, 2025
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Solution and Explanation

बौद्ध युग और पञ्चशील सिद्धान्त — भारत-चीन मैत्री

\(\textbf{Step 1: भूमिका.}\)

यह गद्यांश \(\textbf{पञ्चशील सिद्धान्तों}\) और भारत-चीन मैत्री से संबंधित है। इसमें बौद्धकालीन मूल्यों की प्रासंगिकता और आधुनिक समय में उनके प्रयोग का उल्लेख है।

\(\textbf{Step 2: अनुवाद.}\)

बौद्ध युग में ये सिद्धान्त व्यक्ति के जीवन के उत्थान के लिए प्रयुक्त होते थे। परन्तु आज यही सिद्धान्त राष्ट्रों के बीच मैत्री और सहयोग के साधन हैं तथा विश्वबंधुत्व और विश्वशांति के लिए उपयोगी हैं। जब श्री जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री थे, तब चीन के साथ भारत की मित्रता पञ्चशील सिद्धान्तों पर आधारित थी।

\(\textbf{Step 3: निष्कर्ष.}\)

यह अंश सिद्ध करता है कि प्राचीन मूल्य आज भी राष्ट्रों के संबंधों को दृढ़ और शांति-आधारित बनाने में सहायक हैं।

\[ \text{बौद्ध सिद्धान्त} \;=\; \text{व्यक्ति विकास} \;\Rightarrow\; \text{राष्ट्र सहयोग और विश्वशांति} \]

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