Question:

भारतीय समाज में सामाजिक स्तरीकरण का बुनियादी आधार क्या है ? 
 

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याद रखें: भारत (परंपरागत) = जाति-आधारित स्तरीकरण, जबकि आधुनिक/पश्चिमी समाजों में प्रधानतः वर्ग/आय-आधारित
  • धन एवं संपत्ति
  • जाति
  • परिवार
  • धर्म
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collegedunia
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The Correct Option is B

Solution and Explanation

चरण 1: स्तरीकरण की धारणा।
सामाजिक स्तरीकरण समाज में दर्जाबंदी/परतों (layers) की व्यवस्था है—जहाँ संसाधन, प्रतिष्ठा और शक्ति का असमान वितरण होता है। आधुनिक समाजों में यह प्रायः वर्ग/आय पर टिका होता है, पर भारत के परंपरागत संदर्भ में इसका मुख्य आधार ''जाति'' रही है।
चरण 2: क्यों ''जाति'' आधार है?
जाति जन्म-आधारित समूह है, जिसमें व्यवसाय, विवाह, भोजन-संपर्क, पवित्रता-अपवित्रता जैसे नियम तय करते हैं कि कौन-सा समूह ऊपर/नीचे माना जाएगा। राजनीतिक प्रतिनिधित्व, सामाजिक प्रतिष्ठा और संसाधनों की पहुँच पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव रहा है, इसलिए पारंपरिक भारतीय समाज में स्तरीकरण का मूल आधार जाति ही माना जाता है।
चरण 3: अन्य विकल्प क्यों नहीं।
धन-संपत्ति आज प्रभावशाली अवश्य हैं, पर ऐतिहासिक दृष्टि से प्राथमिक आधार जाति रहा; परिवार और धर्म महत्त्वपूर्ण संस्थाएँ हैं, पर स्तरीकरण की बुनियादी इकाई के रूप में वे जाति जितने निर्णायक नहीं। अतः सही उत्तर (2) जाति
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