Question:

‘बात सीधी थी पर’ कविता में ‘बात को कील की तरह ठोंकना’ से क्या अभिप्राय है ? 
 

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कविता में रूपक और प्रतीक अत्यंत अर्थगर्भित होते हैं — कील ठोंकना तानाशाही प्रवृत्ति का प्रतीक है।
Updated On: Jul 28, 2025
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Solution and Explanation

‘बात को कील की तरह ठोंकना’ — यह अभिव्यक्ति कविता में प्रतीकात्मक रूप में प्रयुक्त हुई है। कवि का आशय है कि आज का समाज और विशेषतः सत्ता एवं तंत्र किसी भी बात को सहजता और सम्वाद के माध्यम से नहीं सुलझाता।
बल्कि बात को ठोस, एकपक्षीय और कठोर रूप में लागू करता है — जैसे किसी कील को हथौड़े से जबरदस्ती ठोंक दिया जाता है।
इस अभिव्यक्ति से यह भी स्पष्ट होता है कि निर्णयों में भावनाओं, मानवीय दृष्टिकोण और लचीलापन नहीं रहता — केवल शक्ति और आदेश का प्रयोग होता है। यह शैली लोकतांत्रिक नहीं, बल्कि दमनात्मक है।
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