Question:

'अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध' का जीवन-परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए:

Show Hint

'हरिऔध' के साहित्य में भारतीय संस्कृति और समाज के सुधार की नज़र से नए विचार प्रस्तुत किए गए हैं, जिससे उन्होंने हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
Updated On: Nov 11, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जन्म 1859 में हुआ था। वे हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण कवि, निबंधकार, और समाज सुधारक थे। उन्होंने हिंदी कविता में नवजागरण के विचारों को फैलाने का कार्य किया। उनका लेखन भारतीय समाज, संस्कृति, और धार्मिकता के प्रति गहरी निष्ठा का प्रतीक था। 'हरिऔध' का साहित्य मुख्य रूप से सामाजिक चेतना, शुद्धता और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार से संबंधित था। उनकी प्रमुख कृतियाँ 'आत्मकथा', 'हिंदी साहित्य का इतिहास', और 'रचनावली' हैं। उन्होंने हिंदी गद्य को शास्त्रीय दृष्टिकोण से नया आयाम दिया। उनकी कविताओं में भारतीय संस्कृति की गहरी समझ और समृद्धि की भावना निहित थी। 'हरिऔध' का लेखन साहित्य में सुधार और समाज में बदलाव की दिशा में प्रेरणास्त्रोत बना।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on हिंदी साहित्य

View More Questions