Question:

अपनी ही शादी की पार्टी में से यशोधर बाबू पूजा के बहाने क्यों उठकर चले गए ? उनका मेहमानों के बीच से इस तरह उठकर चले जाना, आपकी दृष्टि में कहाँ तक उचित है ? ‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी के संदर्भ में तर्क–सम्मत उत्तर दीजिए।

Show Hint

कहानी के चरित्रों के आंतरिक संघर्ष को समझना ही उनके व्यवहार की व्याख्या को गहराई देता है।
Updated On: Jul 25, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

‘सिल्वर वेडिंग’ कहानी में यशोधर बाबू का पार्टी के बीच से उठकर पूजा के बहाने चले जाना, केवल एक क्रियात्मक घटना नहीं बल्कि उनके भीतर के संघर्ष का प्रतीक है।
वे भीतर ही भीतर अपनी पत्नी और परिवार से अलगाव की पीड़ा झेल रहे थे, और उस अवसर की चकाचौंध में भी अकेले थे।
उनका यह कदम सामाजिक औपचारिकता के स्थान पर आत्म-संवाद की ओर संकेत करता है। वे दिखावे के रिश्तों से ऊब चुके थे और अकेले रहकर अपने जीवन की विफलताओं को समझना चाहते थे।
इसलिए, उनका चला जाना औपचारिक रूप से अनुचित होते हुए भी भावनात्मक दृष्टि से पूरी तरह न्यायसंगत था।
Was this answer helpful?
0
0

Questions Asked in CBSE CLASS XII exam

View More Questions