Question:

अद्वैत वेदान्त के प्रवर्तक कौन हैं? 
 

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वेदान्त स्मरण-सूत्र: शंकर—अद्वैत, रामानुज—विशिष्टाद्वैत, निम्बार्क—द्वैताद्वैत, मध्व—द्वैत
  • शंकर
  • रामानुज
  • निम्बार्क
  • मध्व
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The Correct Option is A

Solution and Explanation

चरण 1: प्रवर्तक और ग्रन्थ।
अद्वैत वेदान्त के प्रवर्तक आदि शंकराचार्य माने जाते हैं। उन्होंने ब्रह्मसूत्र पर शारीरक-भाष्य, उपनिषदों तथा गीता पर भाष्य लिखकर अद्वैत के सिद्धान्त को सुव्यवस्थित रूप दिया और भारतभर में शास्त्रार्थों से इसे प्रतिष्ठित किया।
चरण 2: सिद्धान्त का सार।
अद्वैत के अनुसार ब्रह्म ही एकमेव परम-सत्य है—सत्-चित्-आनन्द स्वरूप; जीव और जगत उपाधि/अविद्या से नाम-रूपात्मक प्रतीति (विवर्त) हैं। ज्ञान द्वारा अविद्या-क्षय होने पर जीव का स्वरूप-ब्रह्म से अभेद प्रत्यक्ष होता है—यही मोक्ष है। साधना में श्रवण–मनन–निदिध्यासन पर बल दिया जाता है।
चरण 3: अन्य विकल्प क्यों नहीं?
रामानुजविशिष्टाद्वैत के आचार्य; निम्बार्कद्वैताद्वैत (भेदाभेद) के प्रवर्तक; मध्वद्वैत (शुद्ध भेद) के प्रवर्तक हैं। अतः अद्वैत वेदान्त के प्रवर्तक शंकर ही हैं।
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