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लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी एक प्रमुख रचना का उल्लेख कीजिए : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल 
 

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आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जीवन-परिचय लिखते समय उनके साहित्यिक योगदान, विशेषकर 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' और 'चिन्तामणि' के महत्व पर प्रकाश अवश्य डालें।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

जीवन-परिचय:
हिन्दी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ आलोचक, निबन्धकार एवं इतिहासकार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का जन्म सन् 1884 ई. में बस्ती जिले के अगोना नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम चन्द्रबली शुक्ल था। इन्होंने मिर्जापुर के मिशन स्कूल से फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण की और एफ.ए. (इण्टरमीडिएट) की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद आए, किन्तु गणित में कमजोर होने के कारण पढ़ाई पूरी न कर सके। इन्होंने मिर्जापुर के मिशन स्कूल में चित्रकला के अध्यापक के रूप में कार्य किया और बाद में 'हिन्दी शब्द सागर' के सहायक सम्पादक के रूप में काशी आ गए। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वे हिन्दी विभाग के अध्यक्ष भी रहे। हृदय-गति रुक जाने के कारण सन् 1941 ई. में इनका देहावसान हो गया। साहित्यिक योगदान:
शुक्ल जी ने निबन्ध, आलोचना और इतिहास-लेखन के क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। वे हिन्दी साहित्य के युग-प्रवर्तक आलोचक माने जाते हैं। उनका 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' आज भी सबसे प्रामाणिक ग्रन्थ माना जाता है। 'चिन्तामणि' उनके सर्वश्रेष्ठ निबन्धों का संग्रह है। प्रमुख रचना:
चिन्तामणि (निबन्ध-संग्रह) - यह दो भागों में प्रकाशित है और इसमें शुक्ल जी के मनोविकार सम्बन्धी प्रसिद्ध निबन्ध संग्रहीत हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दी साहित्य का इतिहास (इतिहास-ग्रन्थ) और रस मीमांसा (आलोचना) भी इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।
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