'संचयन' पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए: 'खेलकूद बच्चों को अनुशासित, सक्रिय और मिलनसार बनाता है।' – इस कथन पर अपने विचार 'सपनों के से दिन' पाठ से उदाहरण देते हुए लिखिए।
गद्य खंड पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए:
'बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायदेदार बने?' 'बड़े भाई साहब' कहानी के इस कथन के माध्यम से क्या सीख मिलती है?
धर्मतल्ले पर क्या घटना घटित हुई? 'डायरी का पन्ना' पाठ के आधार पर लिखिए।
'तताँरा-वामीरो कथा' के आधार पर रूढ़ियों के विषय में अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
'डेन की देन' प्रसंग से लेखक किस तथ्य को उजागर करना चाहता है?
बादलों से पर्वत के छिप जाने पर कवि की कल्पना, 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
आप नव्या / भव्य हैं। विद्यालय में नामांकन के समय आपकी जन्मतिथि गलत दर्ज हो गई है। दसवीं के पंजीकरण से पहले आप इसे सुधरवाना चाहते हैं। जन्मतिथि में सुधार हेतु निवेदन करते हुए प्रधानाचार्य को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता हेतु ट्रैफिक पुलिस की ओर से जनहित में जारी एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 100 शब्दों में तैयार कीजिए।
प्रादेशिक स्तर पर आयोजित होने वाली 100 मीटर की बाधा दौड़ में आपके मित्र को प्रथम स्थान मिला है। उसे बधाई देते हुए लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
आप दसवीं कक्षा के तन्वी/तनु हैं। अपने प्रधानाचार्य को कैंटीन व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव देते हुए पत्र लिखिए।
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
हर्बल-ऑर्गेनिक (जैविक) आहार ऐसे आहार होते हैं जो प्राकृतिक रूप से शुद्ध और ताज़े होते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। पर्यावरण व्यंजन, पेड़ पदार्थ, फल-सब्जियाँ और मसाले ऋतु के अनुसार हमारे भोजन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। परंपरागत और स्वदेशी भोजन एवं पेड़ पदार्थ पाश्चात्य फास्टफूड एवं रसायन युक्त कोल्ड ड्रिंक्स के शानदार विकल्प हैं। सरकार, व्यापारियों और दुकानदारों को नया कुछ भी नहीं करना है। बस उन्हें पहले से स्थापित भोजनों, दुकानों एवं नैसर्गिक स्थानों, कम्पनी कार्यालयों की कैंटीनों, मॉलों तक इनको पहुँचाना है। परंपरागत खाद्य पदार्थों के साथ आधुनिक खाद्य एवं पेड़ पदार्थों की बिक्री के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए। आर्गेनिक फलों और सब्जियों के ताजा सूप, जूस, शेक, दूध, छाछ, लस्सी, शरबत, ठंडाई, हर्बल चाय, घी, गेहूँ, मक्का या बाजरे की रबड़ी, नींबू की शिकंजी के साथ आर्गेनिक फल भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाए जा सकते हैं। साधारण ढाबों से लेकर पाँच सितारा होटलों तक सलाद, नारियल पानी, जुवारे का जूस, तरबूज का जूस, सत्तू और छाछ जैसे पेड़ पदार्थों को उपलब्ध करवाकर इनको उपभोक्ताओं में लोकप्रिय बनाया जा सकता है। पोषक से हर्बल फ़ूड सेंटर बनाकर यहाँ आर्गेनिक हरी सब्जियाँ, दालों एवं मिलेट्स से निर्मित भोजन भी उपलब्ध करवाया जा सकता है। अंकुरित दालें, अनाज, दही, मक्खन, मक्का की चाट को भी लोकप्रिय बनाया जा सकता है। भारतीय स्वदेशी परंपरागत पेय पदार्थ, व्यंजन एवं मिठाइयाँ, बाजार में लोकप्रिय होने से स्वदेशीकरण, समृद्ध किसान और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। इस लक्ष्य को भेदने को ही सरकार ने सबको फ्री की रासायनिक खेती से खराब होने खेतों और मानव स्वास्थ्य को भी बचाया जा सकता है।