Question:

बादलों से पर्वत के छिप जाने पर कवि की कल्पना, 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

Updated On: May 22, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता में, जब वर्षा ऋतु में बादल इतने घने हो जाते हैं कि वे पर्वतों को ढक लेते हैं, तो कवि को ऐसा प्रतीत होता है जैसे पर्वत अपने विशालकाय पंखों को फड़फड़ाकर आकाश में उड़ गए हों। यह मानवीकरण और कल्पनाशीलता का अद्भुत उदाहरण है।
Was this answer helpful?
0
0

Top Questions on प्रश्न उत्तर

View More Questions

Questions Asked in CBSE X exam

View More Questions