मनोविक्षिप्तता स्किज़ोफ्रेनिया, उन्मत्त–अवसाद आदि में दिखने वाला लक्षण–समूह है। व्यक्ति अडिग मिथ्या धारणाएँ रख सकता है (उत्पीड़क, महानता, संदर्भ) या ध्वनि/दृश्य भ्रांतियाँ अनुभव कर सकता है। विचार–तारतम्य टूटना, भाव–विच्छेद और आत्म–देखभाल में कमी भी दिखती है। जैविक, आनुवंशिक, मनोसामाजिक तनाव और पदार्थ–उपयोग कारक हो सकते हैं। उपचार में एंटीसाइकॉटिक दवाएँ, मनोसामाजिक पुनर्वास, परिवार–शिक्षा और रिलैप्स–रोकथाम आवश्यक हैं। शीघ्र हस्तक्षेप और दवा–अनुपालन बेहतर प्रगति से जुड़े हैं।