Question:

स्वार्थानुमान और परार्थानुमान के बीच अन्तर स्पष्ट करें।
 

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याद रखें: स्वार्थ = निजी निष्कर्ष; परार्थ = श्रोता के लिए पंच-अवयवी प्रस्तुति।
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Solution and Explanation

Step 1: स्वार्थानुमान.
आन्तरिक तर्क—हिमालय धूमवान; जहाँ धूम, वहाँ अग्नि; अतः हिमालय अग्निमान। औपचारिक पाँच अवयव दिखाना जरूरी नहीं।

Step 2: परार्थानुमान.
(1) प्रतिज्ञा: हिमालय अग्निमान। (2) हेतु: धूमवान। (3) उदाहरण: जहाँ धूम, वहाँ अग्नि, जैसे रसोई। (4) उपनय: हिमालय में धूम है। (5) निगमन: अतः अग्नि है।

Step 3: अंतर का सार.
उद्देश्य—स्व-निश्चय बनाम श्रोतृ-निश्चय; संरचना—त्रय बनाम पंचावयव; परंतु व्याप्ति/हेतु-प्रमाण समान।

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