'शृंगार' रस अथवा 'शांत' रस का लक्षण और एक उदाहरण लिखिए।
शृंगार रस प्रेम, सौंदर्य और आनंद का रस है। यह रस संयोग (मिलन) और वियोग (बिछड़ने) के रूप में प्रकट होता है। इसका स्थायी भाव रति (प्रेम) होता है।
उदाहरण: "प्रियतम संग जब आँखे चार हुईं, मन में उठी प्रेम की हिलोरें हज़ार हुईं।"
करुण रस अथवा शान्त रस का लक्षण के साथ उदाहरण लिखिए।
शांत अथवा वात्सल्य रस की परिभाषा लिखकर उसका उदाहरण दीजिए।
'संयोग श्रृंगार' रस अथवा 'करुण' रस का लक्षण सहित एक उदाहरण लिखिए।
'विभाव' (विस्तारक) श्रृंगार रस अथवा 'करण' रस का संक्षेप में उदाहरण अथवा परिभाषा लिखिए।
हर्ष रस अथवा 'द्वार' रस का स्थायी भाव के साथ उदाहरण परिभाषा लिखिए।