शिशुओं के लिए माँ का दूध सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो शिशु के स्वस्थ विकास के लिए जरूरी हैं। माँ के दूध में प्रोटीन, वसा, विटामिन और मिनरल्स की संतुलित मात्रा पाई जाती है, जो शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
- प्रोटीन: माँ के दूध में मौजूद प्रोटीन शिशु के शारीरिक विकास और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है। यह शरीर के लिए आसानी से पचने योग्य होता है।
- वसा: माँ के दूध में वसा की उचित मात्रा होती है, जो शिशु के तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के विकास के लिए जरूरी है।
- विटामिन और मिनरल्स: विटामिन ए, सी, डी, और कैल्शियम जैसे मिनरल्स शिशु की हड्डियों, दांतों और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होते हैं।
इसके अलावा, माँ के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं जो शिशु को संक्रमण और रोगों से बचाती हैं। ये एंटीबॉडीज शिशु के इम्यून सिस्टम को तैयार करती हैं, जिससे वह बाहरी संक्रमणों से मुकाबला कर सकता है। माँ के दूध में मौजूद इन इम्यून तत्वों से शिशु को कम से कम पहले छह महीनों तक प्राकृतिक सुरक्षा मिलती है।
वहीं, गाय और भैंस के दूध में शिशु के पाचन तंत्र के लिए जरूरी तत्व नहीं होते। गाय और भैंस के दूध में अधिक प्रोटीन और वसा होती है, जो शिशु के पाचन तंत्र के लिए कठिन होती है और यह शिशु के लिए ठीक से पच नहीं पाता। इसके अलावा, गाय और भैंस के दूध में शिशु की आवश्यकता के अनुसार सही मात्रा में पोषक तत्व नहीं होते, और यह शिशु के लिए एलर्जी का कारण भी बन सकता है।
इसलिए, शिशु के लिए माँ का दूध सबसे उपयुक्त और सुरक्षित विकल्प है, क्योंकि यह न केवल उसे जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है, बल्कि उसे संक्रमण से भी बचाता है।