अच्छा साक्षात्कार उद्देश्य स्पष्ट कर, नैतिक सहमति लेकर और प्रश्न–क्रम तैयार करके शुरू होता है। प्रक्रिया: रैपोर्ट, सक्रिय सुनना, पैराफ़्रेज़, जाँच–प्रश्न, सारांश और समापन। संरचित प्रारूप विश्वसनीयता बढ़ाते हैं; अर्ध–संरचित लचीलापन देता है; असंरचित अन्वेषण में सहायक है। गैर–शाब्दिक संकेत अर्थ जोड़ते हैं। पक्षपात (हैलो, पुष्टि–पूर्वाग्रह) से बचाव हेतु मानक स्कोरिंग और नोटिंग महत्वपूर्ण है। अंत में अगले कदम स्पष्ट कर धन्यवाद करना शिष्टाचार है।