Question:

सहायक संधि से आप क्या समझते हैं? 

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सहायक संधि को स्वीकार करने वाली पहली बड़ी रियासत हैदराबाद (1798) थी। यह नीति 1857 के विद्रोह के प्रमुख कारणों में से एक बनी।
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Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारतीय रियासतों पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए उपयोग की गई एक महत्वपूर्ण नीति, 'सहायक संधि' (Subsidiary Alliance), की व्याख्या करने के लिए कह रहा है।
Step 2: Detailed Explanation:
सहायक संधि लॉर्ड वेलेस्ली द्वारा शुरू की गई एक कूटनीतिक नीति थी। यह भारतीय रियासतों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच एक संधि थी, जिसकी मुख्य शर्तें निम्नलिखित थीं:
  • भारतीय शासक को अपने राज्य में एक ब्रिटिश सेना की टुकड़ी को स्थायी रूप से रखना होता था और उसके रखरखाव का खर्च (सब्सिडी) भी देना पड़ता था।
  • शासक को अपने दरबार में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि (रेजिडेंट) को रखना पड़ता था।
  • शासक अंग्रेजों की अनुमति के बिना किसी अन्य यूरोपीय को अपनी सेवा में नहीं रख सकता था।
  • शासक कंपनी की अनुमति के बिना किसी अन्य भारतीय राज्य के साथ कोई समझौता या युद्ध नहीं कर सकता था।
इसके बदले में, कंपनी उस राज्य को बाहरी आक्रमणों और आंतरिक विद्रोहों से बचाने का वादा करती थी।
Step 3: Final Answer:
संक्षेप में, सहायक संधि एक ऐसी व्यवस्था थी जिसके तहत भारतीय राज्य अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता खोकर ब्रिटिश संरक्षण में आ जाते थे, जिससे भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का अप्रत्यक्ष रूप से विस्तार हुआ।
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