रोला किस प्रकार का छन्द है ?
Step 1: छन्द की परिभाषा.
हिंदी काव्यशास्त्र में रोला छन्द एक लोकप्रिय मात्रिक छन्द है। इसमें विषम मात्राओं की व्यवस्था पाई जाती है।
Step 2: विकल्पों का विश्लेषण.
(A) विषम मात्रिक – यही सही उत्तर है क्योंकि रोला छन्द विषम मात्रिक छन्द की श्रेणी में आता है।
(B) अर्द्धसम मात्रिक – यह रोला के लिए उपयुक्त नहीं है।
(C) सममात्रिक – इसमें सभी चरणों में समान मात्राएँ होती हैं, लेकिन रोला इसमें नहीं आता।
(D) इनमें से कोई नहीं – यह विकल्प गलत है क्योंकि (A) सही है।
Step 3: निष्कर्ष.
रोला छन्द विषम मात्रिक छन्द है।
"यह सम मात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते हैं और प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं। 11 और 13 मात्राओं पर यति होती है।" यह लक्षण किस छंद का है?
"लिखकर लोहित लेख, डूब गया दिनमणि अहा। व्योम सिन्धु सखि देख, तारक बुदबुद दे रहा।।" उपयुक्त पंक्तियों में प्रयुक्त छंद है
रोला छन्द में कुल कितने चरण होते हैं ?
'रोला' छंद के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं:
'दोहा' अथवा 'चौपाई' छन्द के लक्षण लिखकर उसका एक उदाहरण दीजिए।
Find the unknown frequency if 24 is the median of the following frequency distribution:
\[\begin{array}{|c|c|c|c|c|c|} \hline \text{Class-interval} & 0-10 & 10-20 & 20-30 & 30-40 & 40-50 \\ \hline \text{Frequency} & 5 & 25 & 25 & \text{$p$} & 7 \\ \hline \end{array}\]
Two concentric circles are of radii $8\ \text{cm}$ and $5\ \text{cm}$. Find the length of the chord of the larger circle which touches (is tangent to) the smaller circle.