'रिश्तों की बुनियाद प्रेम है।' 'टोपी शुक्ला' पाठ से उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
‘रिश्तों की बुनियाद प्रेम है’ – ‘टोपी शुक्ला’ पाठ से उदाहरण
‘टोपी शुक्ला’ कहानी में यह बात बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई देती है कि सभी रिश्तों की नींव प्रेम पर टिकी होती है। टोपी शुक्ला अपने परिवार, खासकर अपने पिता के प्रति गहरा स्नेह और सम्मान रखता है। वह पिता की हर बात मानता है और उनका सहयोग करता है। गाँव के लोगों के साथ भी उसका व्यवहार प्रेमपूर्ण और मिलनसार है, जिससे सब उससे प्यार करते हैं।
कहानी में टोपी शुक्ला की मासूमियत और उसकी सच्ची भावनाएँ रिश्तों को मजबूती प्रदान करती हैं। प्रेम के कारण ही उसके परिवार और समाज में उसकी इज्जत बढ़ती है और लोग उसे अपनाते हैं। इस प्रकार यह पाठ हमें सिखाता है कि चाहे परिवार हो या दोस्ती, प्रेम के बिना कोई रिश्ता टिकाऊ नहीं होता। प्रेम ही रिश्तों को जीवंत और मधुर बनाता है।
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