चरण 1: परिभाषा और तत्त्व समझें। 
राजनीति–समाजशास्त्र में राज्य वह संस्थागत व्यवस्था है जो निश्चित भू-भाग में रहने वाली जनसंख्या पर वैध बल प्रयोग का एकाधिकार रखती है और कानून–प्रशासन चलाती है। इसके चार शास्त्रीय तत्त्व माने जाते हैं—(i) जनसंख्या (people), (ii) भू-भाग/राज्यक्षेत्र (territory), (iii) सरकार (government), (iv) प्रभुसत्ता/सार्वभौमिकता (sovereignty)। 
चरण 2: विकल्पों का मिलान। 
दिए गए विकल्पों में जनसंख्या, सरकार और प्रभुसत्ता तीनों राज्य के मूल तत्त्व हैं (भू-भाग अलग से सूचीबद्ध नहीं है)। अतः जो विकल्प इन तीनों को समेटे, वही सही होगा। 
चरण 3: निष्कर्ष। 
इसलिए इनमें से सभी सही है—क्योंकि राज्य का अस्तित्व इन तत्त्वों के बिना संभव नहीं।