Question:

रैयतवाड़ी व्यवस्था में भूमि का स्वामी कौन होता था?

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ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणालियों को उनके नाम से समझें: \begin{itemize} \item \textbf{जमींदारी:} मध्यस्थ जमींदार। \item \textbf{रैयतवाड़ी:} स्वामी रैयत (किसान)। \item \textbf{महालवाड़ी:} इकाई महाल (गाँव)। \end{itemize}
  • जमींदार
  • ब्रिटिश सरकार
  • किसान
  • इनमें से कोई नहीं
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न ब्रिटिश भारत में लागू की गई एक प्रमुख भू-राजस्व प्रणाली, रैयतवाड़ी व्यवस्था, के तहत भूमि के स्वामित्व की स्थिति से संबंधित है।
Step 2: Detailed Explanation:
'रैयत' का अर्थ किसान होता है। रैयतवाड़ी व्यवस्था में, ब्रिटिश सरकार ने सीधे रैयत (किसान) के साथ राजस्व का समझौता किया।
इस प्रणाली में, जमींदार जैसे कोई मध्यस्थ नहीं थे।
किसान को भूमि का स्वामी माना जाता था, और उसे तब तक अपनी भूमि से बेदखल नहीं किया जा सकता था जब तक वह नियमित रूप से सरकार को भू-राजस्व का भुगतान करता रहता था।
इस प्रकार, व्यावहारिक रूप से भूमि का स्वामी किसान था।
Step 3: Final Answer:
रैयतवाड़ी व्यवस्था में भूमि का स्वामी किसान (रैयत) होता था। अतः, विकल्प (C) सही है।
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