Question:

पूर्व स्थापित सामंजस्य सिद्धान्त सम्बन्धित है— 
 

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घड़ी उपमा याद रखें—ईश्वर ने सभी ''घड़ियाँ'' (मोनाड) पहले से सेट कीं ⇒ लाइबनिज = पूर्व-स्थापित सामंजस्य; देकार्त = अन्तःक्रिया, स्पिनोज़ा = समानान्तरवाद
  • देकार्त से
  • स्पिनोज़ा से
  • लाइबनिज से
  • इनमें से कोई नहीं
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The Correct Option is C

Solution and Explanation

चरण 1: सिद्धान्त की पहचान।
पूर्व स्थापित सामंजस्य (Pre-established Harmony) लाइबनिज का मन–शरीर सम्बन्ध पर समाधान है। उसके अनुसार ब्रह्मांड असंख्य मोनाडों (अविभाज्य, चेतन इकाइयों) से बना है। प्रत्येक मोनाड अपने-अपने आन्तरिक नियम से चलता है और किसी दूसरे पर कारणात्मक प्रभाव नहीं डालता।
चरण 2: "सामंजस्य" कैसे?
ईश्वर ने सृष्टि के आरम्भ में ही सभी मोनाडों की अवस्थाओं/अनुक्रमों को इस प्रकार सेट कर दिया कि वे बिना पारस्परिक कारण-क्रिया के भी घड़ी की सूइयों की तरह समांतर चलें—यही पूर्व-स्थापित सामंजस्य है। अतः मन की अवस्थाएँ और शरीर की गतियाँ मिलती-जुलती दिखती हैं, पर एक-दूसरे को पैदा नहीं करतीं
चरण 3: विकल्पों का उन्मूलन।
देकार्त—अन्तःक्रियावाद (pineal gland के माध्यम से मन–शरीर कारण-सम्बन्ध)। स्पिनोज़ा—समानान्तरवाद: एक ही पदार्थ के दो गुण (विचार/विस्तार) समांतर चलते हैं, पर ईश्वर द्वारा पहले से "सेट" करने की बात नहीं। इसलिए सही उत्तर लाइबनिज
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