Question:

'प्रयोजनमूलक युक्ति' (Teleological / Pragmatic Argument) सम्बन्धित है—

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याद रखें—डिज़ाइन/उद्देश्य दिखे ⇒ बुद्धिमान नियन्ताकारण-श्रृंखला = कॉस्मोलॉजिकल, डिज़ाइन = टेलीऑलॉजिकल (प्रयोजनमूलक)
  • आत्मा के अस्तित्व से
  • कारणता सिद्धान्त से
  • ईश्वर के अस्तित्व से
  • जगत के अस्तित्व से
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collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is C

Solution and Explanation

क्या है 'प्रयोजनमूलक' युक्ति?
इसे उद्देश्यवाद/डिज़ाइन आर्ग्युमेंट भी कहते हैं। तर्क यह है कि प्रकृति में क्रम, सामंजस्य, उद्देश्यपूर्णता और उत्तम अनुकूलन दिखाई देता है—जैसे जटिल जैव-तंत्र, नियमबद्ध प्राकृतिक नियतियाँ, नैतिक व्यवस्था। इतना सुव्यवस्थित 'डिज़ाइन' बुद्धिमान नियन्ता/डिज़ाइनर की उपस्थिति का संकेत देता है; इसलिए यह युक्ति सीधे ईश्वर-सत्ता के पक्ष में प्रस्तुत की जाती है।
अन्य विकल्प क्यों नहीं?
(1) आत्मा—उसके लिए चेतनानुभव/अन्तर्दर्शन जैसी अलग युक्तियाँ दी जाती हैं।
(2) कारणता—यह Cosmological (कारण-श्रृंखला) तर्क का आधार है, प्रयोजनमूलक नहीं।
(4) जगत का अस्तित्व—सिर्फ अस्तित्व बताता है; 'उद्देश्य' की ओर नहीं ले जाता।
टिप्पणी:
आधुनिक आलोचनाएँ (जैसे विकासवाद) इस तर्क को चुनौती देती हैं; फिर भी अनेक दार्शनिक इसे 'संभाव्य/प्रायिक' आधार पर ईश्वर-विश्वास की तर्कसंगति के रूप में स्वीकारते हैं।
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