Question:

प्रश्न के उत्तर संस्कृत में दीजिए: पुरुराज ! गीतायाः कं सन्देशम् अकथयत् ? 
 

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'वीरः वीरेण पूज्यते' पाठ के इस महत्वपूर्ण श्लोक (गीता का संदेश) को कंठस्थ कर लें, यह अक्सर अनुवाद या प्रश्नोत्तर में पूछा जाता है।
Updated On: Nov 11, 2025
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Solution and Explanation

उत्तरम्: पुरुराजः अकथयत् यत् हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं, जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्। अतः निराशीः निर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वरः।
(पुरुराज ने कहा कि (युद्ध में) मारे गए तो स्वर्ग प्राप्त करोगे और जीत गए तो पृथ्वी का भोग करोगे। इसलिए, इच्छा रहित, ममता रहित और संताप रहित होकर युद्ध करो।)
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