आधुनिक हिन्दी कविता के विभिन्न आंदोलनों (छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कविता) के प्रमुख कवियों की पहचान करना सीखें। केदारनाथ अग्रवाल, नागार्जुन, त्रिलोचन और शिवमंगल सिंह 'सुमन' प्रमुख प्रगतिवादी कवि हैं।
Step 1: Understanding the Question:
प्रश्न में दिए गए विकल्पों में से 'प्रगतिवाद' युग के कवि की पहचान करनी है। Step 2: Key Concept:
प्रगतिवाद (लगभग 1936-1943) हिन्दी साहित्य का वह दौर है जब कविता पर मार्क्सवादी विचारधारा का प्रभाव पड़ा और उसमें शोषितों, गरीबों और किसानों की बात की गई। Step 3: Detailed Explanation:
(A) शिवमंगल सिंह 'सुमन' - ये प्रगतिवादी काव्यधारा के एक प्रमुख कवि हैं। 'मिट्टी की बारात', 'हिल्लोल' इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
(B) प्रभाकर माचवे और (C) नरेश मेहता - ये दोनों 'तार सप्तक' के कवि हैं और प्रयोगवाद से संबंधित हैं।
(D) जगदीश गुप्त - ये 'नयी कविता' के प्रवर्तक कवियों में से एक हैं और उन्होंने 'नयी कविता' पत्रिका का संपादन भी किया। Step 4: Final Answer:
अतः, शिवमंगल सिंह 'सुमन' प्रगतिवाद युग के कवि हैं।