Question:

‘प्रेमघन’ के व्यक्तित्व की सामंती प्रवृत्तियों को सोदाहरण सामने रखिए। 
 

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ऐसे पात्रों का विश्लेषण करते समय उनके व्यवहार, सोच और सामाजिक प्रभाव को उदाहरणों सहित स्पष्ट करें। 'प्रेमघन' जैसे पात्र सामजिक आलोचना के लिए रचे गए होते हैं — उन्हें समाज की मानसिकता के आईने के रूप में प्रस्तुत करें।
Updated On: Jul 30, 2025
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Solution and Explanation

‘प्रेमघन’ का पात्र लेखक ने सामंती मानसिकता का प्रतिनिधित्व करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली ढंग से रचा है। वह अपने को श्रेष्ठ समझता है, दूसरों को नीचा दिखाने में आनंद अनुभव करता है और स्त्रियों को संपत्ति समझता है।

प्रेमघन का सबसे स्पष्ट सामंती व्यवहार तब सामने आता है जब वह मुण्डू की बहन को बलपूर्वक अपने अधिकार में लेना चाहता है। वह सोचता है कि उसकी हैसियत के सामने कोई प्रतिरोध नहीं करेगा। इसके अलावा, वह अपने नौकरों को डाँटता है, झिड़कता है, और कभी-कभी अमानवीय व्यवहार करता है।

इस प्रकार प्रेमघन की सामंती प्रवृत्तियाँ – जैसे स्त्री पर अधिकार, वर्गभेद की भावना, और अहंकार – उसे समाज में व्याप्त पिछड़ी सोच का जीवंत उदाहरण बनाती हैं।
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