पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता
प्रस्तावना:
पर्यावरण मानव जीवन का आधार है। वायु, जल, मृदा, वृक्ष, पशु-पक्षी और प्राकृतिक संपदा ही हमारे जीवन को संभव बनाते हैं। किन्तु आज के युग में विकास की अंधी दौड़ ने पर्यावरण को अत्यंत हानि पहुँचाई है। इसी कारण पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है।
मुख्य भाग:
1. प्रदूषण की समस्या: औद्योगीकरण, मोटर वाहनों का धुआँ, प्लास्टिक का प्रयोग और रासायनिक अपशिष्टों ने वायु, जल और भूमि को प्रदूषित कर दिया है।
2. वनों की कटाई: वनों के अंधाधुंध कटान से जैव-विविधता नष्ट हो रही है और जलवायु असंतुलन बढ़ रहा है।
3. जीव-जंतुओं का विलुप्त होना: असंतुलन के कारण अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो रही हैं।
4. संरक्षण के उपाय: वृक्षारोपण, नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग, प्लास्टिक पर नियंत्रण और पर्यावरणीय कानूनों का पालन।
उपसंहार:
पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार का ही नहीं, प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। यदि समय रहते हम जागरूक न हुए तो जीवन असंभव हो जाएगा।
Final Answer:
\[ \boxed{\text{पर्यावरण संरक्षण मानव जीवन के अस्तित्व के लिए अनिवार्य है।}} \]
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 10 पंक्तियों का संस्कृत में निबंध लिखिए।
(A) पर्यावरण- सुरक्षा
(B) श्रम एवं विजयते
(C) जनसंख्या समस्या
(D) यातायात- सुरक्षा
निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं का उल्लेख कीजिए
डॉ॰ हजारीप्रसाद द्िववेदी
‘कलम का सिपाही’ के रचनाकार हैं:
‘पिंजरे की मैना’ निबंध संग्रह के लेखक हैं: