Question:

परमौषध में संधि है-

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स्वर संधि में, वृद्धि संधि की पहचान प्रायः 'ऐ' और 'औ' की मात्राओं से होती है, जहाँ अ/आ का मेल ए/ऐ से 'ऐ' या ओ/औ से 'औ' में होता है। यह अक्सर दो मात्राओं (जैसे ौ, ै) के रूप में दिखाई देता है।
Updated On: June 02, 2025
  • गुण संधि
  • दीर्घ संधि
  • अयादि संधि
  • वृद्धि संधि
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collegedunia
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

चरण 1: प्रश्न को समझें
यह प्रश्न 'परमौषध' शब्द में प्रयुक्त संधि का प्रकार पहचानने के लिए कहता है। संधि दो वर्णों (अक्षरों) के मेल से होने वाले परिवर्तन को कहते हैं। हिंदी में मुख्य रूप से स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि होती हैं। दिए गए विकल्प स्वर संधि के भेद हैं। चरण 2: 'परमौषध' शब्द का संधि-विच्छेद करें
'परमौषध' शब्द का संधि-विच्छेद होगा: परम + औषध चरण 3: संधि के नियमों का विश्लेषण करें
संधि-विच्छेद के बाद, हम देखते हैं कि 'परम' शब्द के अंतिम वर्ण 'म' में 'अ' स्वर है (म् + अ), और 'औषध' शब्द का पहला वर्ण 'औ' स्वर है। तो, यहाँ जिन स्वरों का मेल हो रहा है, वे हैं: अ + औ अब हम स्वर संधि के विभिन्न भेदों के नियमों को देखेंगे:
(A) गुण संधि: अ/आ + इ/ई = ए; अ/आ + उ/ऊ = ओ; अ/आ + ऋ = अर्। (यहाँ अ + औ का मेल नहीं है)।
(B) दीर्घ संधि: जब दो समान स्वर (अ/आ + अ/आ, इ/ई + इ/ई, उ/ऊ + उ/ऊ) मिलते हैं, तो वे दीर्घ हो जाते हैं (आ, ई, ऊ)। (यहाँ अ + औ का मेल है, जो समान स्वर नहीं हैं)।
(C) अयादि संधि: ए/ऐ/ओ/औ के बाद कोई भिन्न स्वर आने पर क्रमशः अय्/आय्/अव्/आव् में बदल जाते हैं। (यहाँ अ + औ का मेल है, जो अयादि संधि के नियमों के अनुसार नहीं है)।
(D) वृद्धि संधि: जब 'अ' या 'आ' के बाद 'ए' या 'ऐ' आए तो 'ऐ' हो जाता है, और जब 'अ' या 'आ' के बाद 'ओ' या 'औ' आए तो 'औ' हो जाता है।
नियम: अ/आ + ओ/औ = औ
हमारे शब्द में: अ + औ = औ (जो 'परम + औषध = परमौषध' में स्पष्ट दिखता है) चरण 4: सही संधि प्रकार की पहचान करें
'परम' के 'अ' और 'औषध' के 'औ' के मेल से 'औ' बनता है, जो वृद्धि संधि के नियम (अ + औ = औ) का पालन करता है। सही उत्तर है $\boxed{\text{(D) वृद्धि संधि}}$।
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