चरण 1: प्रश्न को समझें
यह प्रश्न 'पंचवटी' शब्द में प्रयुक्त समास के प्रकार की पहचान करने के लिए कहता है। यह हिंदी व्याकरण, विशेषकर समास के नियमों से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
चरण 2: 'पंचवटी' शब्द का विग्रह करें और उसकी संरचना समझें
'पंचवटी' शब्द दो पदों से मिलकर बना है:
पंच: जिसका अर्थ है 'पाँच' (एक संख्यावाची शब्द)।
वटी: जिसका अर्थ है 'वृक्षों का समूह' या 'वाटिका'।
जब इन दोनों पदों को मिलाया जाता है, तो 'पंचवटी' का अर्थ होता है 'पाँच वटों (वृक्षों) का समूह' (पांच वृक्षों का समाहार)।
चरण 3: विभिन्न समास के प्रकारों का विश्लेषण करें
(A) कर्मधारय समास (Karmadharaya Samas): इसमें एक पद विशेषण या उपमान होता है और दूसरा पद विशेष्य या उपमेय। (जैसे: नीलकमल - नीला है जो कमल)। 'पंचवटी' इस श्रेणी में नहीं आता क्योंकि 'पंच' एक संख्या है, विशेषण नहीं।
(B) द्विगु समास (Dvigu Samas): इस समास में पहला पद संख्यावाची विशेषण होता है और दूसरा पद संज्ञा होता है। समस्त पद किसी समूह या समाहार का बोध कराता है। (जैसे: त्रिलोक - तीन लोकों का समूह, चौराहा - चार राहों का समूह)। 'पंचवटी' इस परिभाषा पर पूरी तरह से खरा उतरता है क्योंकि 'पंच' संख्यावाची है और यह पाँच वृक्षों के समूह को दर्शाता है।
(C) द्वंद्व समास (Dvanda Samas): इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं और विग्रह करने पर उनके बीच 'और', 'या', 'अथवा' जैसे संयोजक लगते हैं। (जैसे: माता-पिता - माता और पिता)। 'पंचवटी' इस श्रेणी में नहीं आता।
(D) बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas): इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता, बल्कि समस्त पद किसी तीसरे अर्थ की ओर संकेत करता है। (जैसे: नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका, अर्थात् शिव)। यद्यपि 'पंचवटी' रामायण में एक विशेष स्थान को संदर्भित करता है, फिर भी व्याकरणिक रूप से इसका प्राथमिक अर्थ 'पांच वृक्षों का समूह' ही है। जब तक विशेष संदर्भ में न पूछा जाए, तब तक द्विगु समास ही इसका सबसे उपयुक्त वर्गीकरण है।
चरण 4: सही उत्तर की पहचान करें
'पंचवटी' शब्द में पहला पद 'पंच' (पाँच) एक संख्यावाची विशेषण है और यह पाँच वृक्षों के समूह का बोध कराता है। यह द्विगु समास की परिभाषा के अनुरूप है।
सही उत्तर है $\boxed{\text{(B) द्विगु}}$।