'नयनम्' शब्द का सन्धि-विच्छेद इस प्रकार होता है: नय + अनम्। यहाँ 'नय' का अर्थ 'नेतृत्व' या 'नेत्र' (आँख) से संबंधित होता है और 'अनम्' प्रत्यय के रूप में जुड़ता है। इस शब्द में **यण सन्धि** का प्रयोग हुआ है, जहाँ 'अ' और 'य' के मेल से 'नय' से 'नयन' बनता है।