Question:

निम्नलिखित विचारों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 
इच्छाएँ नाना हैं और नाना विधियाँ हैं और वे उसे प्रवृत्त रखती हैं। उस प्रवृत्ति से वह रह-रहकर थक जाता है और निरुत्साही चाहता है। यह प्रवृत्ति और निरुत्साही का चक्र उसको द्रवणद्व से थका मरा है। इस संसार को अभी राग-भाव से वह चाहता है कि अगले क्षण उसमें ही भाव-विराग से वह उसका विनाश चाहता है। पर राग-द्वेश की वास्तविकताओं से अंत में संतुलन और छटपटाहट उसे हाथ आती है। 
उपयुक्त गद्यांश के पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए। 
 

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When analyzing a passage, focus on identifying the key themes such as emotions, desires, and internal struggles.
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation

Step 1: Understanding the passage.
इस गद्यांश में लेखक ने इच्छाओं के चक्र और व्यक्ति के मानसिक संघर्ष को व्यक्त किया है। वह बताता है कि कैसे व्यक्ति अपनी इच्छाओं और राग-द्वेश के कारण दुविधा में फँसा रहता है और अंततः संतुलन की खोज करता है। यह एक संघर्ष है जहाँ राग और द्वेश के बीच झूलते हुए व्यक्ति को सच्ची शांति की आवश्यकता होती है।
Step 2: Analyzing the options.
(A) उपयुक्त गद्यांश के पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए: Correct — यह passage इच्छाओं और मानसिक संघर्ष के बारे में है और लेखक ने इसे गहरे अर्थ के साथ प्रस्तुत किया है। लेखक का नाम इस संदर्भ में पूछा गया है, जो कि इस गद्यांश से संबंधित है।
Step 3: Conclusion.
The correct answer is (A) उपयुक्त गद्यांश के पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
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