निम्नलिखित संस्कृत श्लोकों में से किसी एक श्लोक का संदर्भ-सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए।
संस्कृत श्लोक:
जलविन्दुनिपातेन क्रमशः पूर्यते घटः।
सः हेतुः सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च॥
संदर्भ: प्रस्तुत श्लोक में निरंतर प्रयास और धीरे-धीरे अर्जित ज्ञान के महत्व को बताया गया है।
अनुवाद: जिस प्रकार पानी की बूंद-बूंद से घड़ा धीरे-धीरे भर जाता है, उसी प्रकार मनुष्य को भी निरंतर प्रयास करके ज्ञान, धर्म और धन की प्राप्ति करनी चाहिए। निरंतर प्रयास और धैर्य से ही व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति कर सकता है।
निम्नलिखित संस्कृत श्लोकों में से किसी एक श्लोक का संदर्भ-सहित हिंदी में अनुवाद कीजिए।
संस्कृत श्लोक:
न मे रोचते भद्रं वः उलूकस्यभिषेचनम्।
अक्रुद्धस्य मुखं पश्य कथं क्रुद्धो भविष्यति।।
अपनी पाठ्यपुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्नपत्र में न आया हो।
अपनी पाठ्यपुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्नपत्र में न आया हो।
अपनी पाठ्य-पुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न-पत्र में न आया हो।
अपनी पाठ्य-पुस्तक में से कण्ठस्थ कोई एक श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न-पत्र में न आया हो।