Question:

निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का जीवनी - परिचय देते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए : ( शब्द सीमा 80 शब्द )

(iii) हरिशंकर परसाई

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हरिशंकर परसाई को हिंदी व्यंग्य लेखन का जनक माना जाता है। उनकी रचनाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और सामाजिक चेतना जगाने में सहायक हैं।
Updated On: Nov 7, 2025
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Solution and Explanation


हरिशंकर परसाई (1924-1995) हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध व्यंग्यकार थे। वे अपनी तीखी सामाजिक और राजनीतिक व्यंग्य रचनाओं के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी समाज की विसंगतियों और भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार करती है। वे आम आदमी की पीड़ा और व्यवस्था की विडंबनाओं को अपनी हास्य-व्यंग्य शैली में प्रस्तुत करते थे। परसाई जी की रचनाएँ समाज में व्याप्त पाखंड, राजनीति की चालाकियाँ और आम आदमी की विवशताओं को उजागर करती हैं। वे हिंदी में व्यंग्य लेखन के अग्रणी लेखक थे और उनकी रचनाएँ आज भी समाज के लिए प्रासंगिक हैं। 

प्रमुख रचनाएँ: \[\begin{array}{rl} \bullet & \text{रानी नागफनी की कहानी – इसमें समाज की विडंबनाओं को व्यंग्यात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है।} \\ \bullet & \text{तट की खोज – इस रचना में समाज की यथार्थवादी स्थिति को उकेरा गया है।} \\ \bullet & \text{जैसे उनके दिन फिरे – यह उपन्यास समाज के विभिन्न पहलुओं को व्यंग्यात्मक रूप में चित्रित करता है।} \\ \bullet & \text{विकलांग श्रद्धा का दौर – इसमें समाज के दोहरे मापदंडों पर कटाक्ष किया गया है।} \\ \bullet & \text{ठिठुरता हुआ गणतंत्र – इसमें भारतीय राजनीति और लोकतंत्र की कमजोरियों पर व्यंग्य किया गया है।} \\ \end{array}\] उनकी रचनाएँ हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज को जागरूक करने का कार्य करती हैं। वे मानते थे कि व्यंग्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने का हथियार है।

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