चरण 1: अवधारणाएँ पहचानें। 
संस्कृतिकरण (M.\,N. Srinivas) और पश्चिमीकरण भारतीय समाज में सांस्कृतिक मान्यताओं/आचरण के प्रत्यक्ष परिवर्तन की प्रक्रियाएँ हैं। लौकिकीकरण (secularization) भी धार्मिक नियंत्रण के क्षरण और धर्मनिरपेक्ष-सांस्कृतिक मूल्यों के प्रसार से जुड़ा सांस्कृतिक रूपांतरण है। 
चरण 2: औद्योगीकरण का स्वरूप। 
औद्योगीकरण मुख्यतः आर्थिक/उत्पादन-संरचना का परिवर्तन है—कारखाने, श्रम-विभाजन, बाज़ार, तकनीक आदि। इसके परिणामस्वरूप संस्कृति प्रभावित होती है, पर स्वयं यह प्रत्यक्ष ''सांस्कृतिक'' प्रक्रिया नहीं माना जाता, जबकि शेष तीन सीधे सांस्कृतिक तत्त्वों (मूल्य, जीवन-शैली, रीति) में बदलाव लाते हैं। 
निष्कर्ष: इसलिए भारतीय सांस्कृतिक संरचना को बदलने वाली प्रत्यक्ष प्रक्रियाएँ—संस्कृतिकरण, पश्चिमीकरण, लौकिकीकरण—हैं; औद्योगीकरण प्रमुखतः आर्थिक- संरचनात्मक प्रक्रिया है, अतः विकल्प (2) सही है।