Question:

निबन्ध लिखिए:बढ़ती जनसंख्या और देश का भविष्य।

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जनसंख्या नियंत्रण के बिना संसाधनों का संतुलित विकास संभव नहीं है। शिक्षा, परिवार नियोजन और जागरूकता ही इसका समाधान है।
Updated On: Nov 15, 2025
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Solution and Explanation

प्रस्तावना: बढ़ती जनसंख्या विश्व के अनेक देशों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है, और भारत इस समस्या से सर्वाधिक प्रभावित है। देश की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है, जिससे संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह देश की आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संरचना को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
बढ़ती जनसंख्या के कारण:
चिकित्सा सुविधाओं में सुधार और मृत्यु दर में कमी: आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की प्रगति के कारण मृत्यु दर में गिरावट आई है, जिससे जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।
अशिक्षा और पारिवारिक नियोजन की कमी: कई क्षेत्रों में लोग अभी भी परिवार नियोजन के महत्व को नहीं समझते, जिससे जन्मदर अधिक बनी रहती है।
सामाजिक और धार्मिक मान्यताएँ: कुछ समुदायों में बड़े परिवार को संपन्नता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, जिससे जनसंख्या नियंत्रित नहीं हो पाती।
कृषि प्रधान समाज और परंपरागत सोच: ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक बच्चों को श्रमशक्ति के रूप में देखा जाता है, जिससे जनसंख्या वृद्धि को बढ़ावा मिलता है।
बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव:
बेरोजगारी और गरीबी में वृद्धि: जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे, जिससे बेरोजगारी और गरीबी की समस्या गहराती जा रही है।
प्राकृतिक संसाधनों की कमी: जल, भोजन, भूमि, ऊर्जा और अन्य संसाधनों पर अधिक दबाव बढ़ रहा है, जिससे इनकी उपलब्धता कम होती जा रही है।
पर्यावरणीय असंतुलन और प्रदूषण: अधिक जनसंख्या के कारण वनों की कटाई, जल और वायु प्रदूषण जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं, जिससे पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ रहा है।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव: बढ़ती जनसंख्या के कारण सरकारी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक भार पड़ रहा है, जिससे इनकी गुणवत्ता प्रभावित होती है।
समाधान और उपाय:
परिवार नियोजन को प्रोत्साहित करना: सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए।
जनसंख्या नियंत्रण हेतु सरकार द्वारा कठोर नीतियाँ: चीन की भाँति भारत में भी दो-बच्चे की नीति को प्रभावी रूप से लागू करने पर विचार करना चाहिए।
शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाना: लोगों को परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग और छोटे परिवार के लाभों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है।
महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना: महिलाओं की शिक्षा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि से जन्मदर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलन: शहरीकरण को नियंत्रित करने और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ाने से बढ़ती जनसंख्या के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
यदि बढ़ती जनसंख्या पर शीघ्र नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह देश के विकास में बाधा उत्पन्न करेगी। बढ़ती जनसंख्या के कारण बेरोजगारी, कुपोषण, शिक्षा की कमी और संसाधनों की कमी जैसी समस्याएँ बढ़ती जाएँगी। सरकार और नागरिकों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना आवश्यक है। जनसंख्या नियंत्रण केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं होगा, बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक को अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। यदि हम इस समस्या को गंभीरता से लेते हैं और आवश्यक कदम उठाते हैं, तो हम अपने देश के उज्ज्वल भविष्य की कल्पना कर सकते हैं।
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