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निबन्ध लिखिए: ग्राम्य विकास में मनरेगा की भूमिका 
 

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मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो गरीबी को कम करने में सहायक साबित हो रही है।
Updated On: Nov 14, 2025
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Solution and Explanation

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) एक प्रमुख योजना है, जो भारतीय ग्रामीण क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य से शुरू की गई थी, और इसके अंतर्गत ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्रदान किया जाता है। मनरेगा का उद्देश्य न केवल रोजगार प्रदान करना है, बल्कि इसके द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना विकास भी सुनिश्चित करना है।
रोजगार सृजन: मनरेगा योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिर और दीर्घकालिक रोजगार प्रदान करना है। इस योजना के तहत, ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाता है, जो उन्हें वित्तीय रूप से समर्थ बनाता है। इस रोजगार के दौरान श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी दी जाती है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होता है और वे अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास: मनरेगा न केवल रोजगार प्रदान करता है, बल्कि इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के अवसंरचनात्मक कार्य भी किए जाते हैं। जैसे कि सड़क निर्माण, तालाबों की खुदाई, जल संरक्षण, वृक्षारोपण और नहरों की मरम्मत आदि। इन कार्यों से न केवल रोजगार मिलता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का भी विकास होता है। इससे खेती, जल संचयन, और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।
महिला सशक्तिकरण: मनरेगा योजना में महिलाओं को भी समान अवसर प्राप्त हैं। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं को रोजगार प्रदान करने में मदद करती है, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है। महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है, जिससे उन्हें श्रम बाजार में समान अवसर मिलता है। इससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है, और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलती है।
गरीबी उन्मूलन: मनरेगा योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य गरीबी उन्मूलन है। जब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिलता है, तो उनकी आय में वृद्धि होती है, जिससे वे अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। इसके माध्यम से, ग्रामीण परिवारों की गरीबी कम होती है और उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलती है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में स्थायित्व लाने में मदद करती है, जिससे लोगों का जीवन स्तर बेहतर होता है।
स्थिरता और आर्थिक विकास: मनरेगा योजना का एक और लाभ यह है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिरता और आर्थिक विकास में योगदान करती है। जब ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मिलता है, तो लोग अपनी भूमि पर काम करते हैं और अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं। इसके अलावा, मनरेगा के द्वारा किए गए विकास कार्यों से स्थानीय आधारभूत संरचनाओं में सुधार होता है, जिससे पूरे क्षेत्र का विकास होता है। इससे न केवल स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होती है, बल्कि पूरे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
निष्कर्ष: मनरेगा योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह योजना ग्रामीण जीवन के स्तर को सुधारने के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करती है। इसके माध्यम से, ग्रामीण इलाकों में समृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलता है। हालांकि, इस योजना में कई चुनौतियां भी हैं, जैसे कि कार्यों का प्रभावी ढंग से लागू होना, लेकिन इसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता।
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