Question:

मुगल दरबार में प्रचलित अभिवादन के दो तरीकों का उल्लेख कीजिए। 

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अन्य अभिवादन विधियों में 'तस्लीम' और 'चहार तस्लीम' भी शामिल थे, जिन्हें शाहजहाँ ने सिजदा के स्थान पर शुरू किया था।
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Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Concept:
यह प्रश्न मुगल दरबार में सम्राट के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले औपचारिक शिष्टाचार और अभिवादन के तरीकों के बारे में है।
Step 2: Detailed Explanation:
मुगल दरबार में प्रचलित अभिवादन के दो तरीके निम्नलिखित थे:
  1. कोर्निश (Kornish): यह अभिवादन का एक तरीका था जिसमें दरबारी अपनी दाहिनी हथेली को अपने माथे पर रखकर सिर झुकाता था। यह इस बात का प्रतीक था कि वह अपना सिर (जो मन और इंद्रियों का स्थान है) विनम्रता के हाथ में रखकर शाही सभा में प्रस्तुत कर रहा है।
  2. सिजदा (Sijda): इसमें पूरी तरह से जमीन पर लेटकर सम्राट को दंडवत प्रणाम किया जाता था। हालांकि यह एक इस्लामी प्रथा नहीं थी और इस पर विवाद भी था, लेकिन यह अकबर और शाहजहाँ के दरबारों में कुछ हद तक प्रचलित थी, जो सम्राट की सर्वोच्च स्थिति को दर्शाती थी। बाद में शाहजहाँ ने इसे 'चहार तस्लीम' से बदल दिया।
Step 3: Final Answer:
मुगल दरबार में प्रचलित अभिवादन के दो तरीके कोर्निश और सिजदा थे।
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