Question:

कस्य बुद्धिः चलति ?

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संस्कृत में 'सक्त' का अर्थ है आसक्त या लिप्त और 'विरक्त' या 'असक्त' का अर्थ है अनासक्त या वैराग्यवान। इन शब्दों के अर्थ को समझें।
Updated On: Nov 17, 2025
  • असक्तस्य
  • गतस्य
  • विरक्तस्य
  • सक्तस्य
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The Correct Option is D

Solution and Explanation

Step 1: Understanding the Question:
प्रश्न पूछ रहा है कि किसकी बुद्धि विचलित हो जाती है। यह प्रश्न गीता या अन्य नीति ग्रंथों पर आधारित हो सकता है।
Step 2: Key Concept:
श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, विषयों (सांसारिक वस्तुओं) का चिंतन करने से 'सङ्ग' (आसक्ति) उत्पन्न होती है। आसक्ति से काम (इच्छा), काम से क्रोध और क्रोध से बुद्धि का नाश होता है।
Step 3: Detailed Explanation:
'सक्तस्य' का अर्थ है 'आसक्ति युक्त व्यक्ति की'। जो व्यक्ति सांसारिक विषयों में आसक्त होता है, उसकी बुद्धि विचलित हो जाती है ('बुद्धिः चलति') और वह सही-गलत का निर्णय नहीं कर पाता।
इसके विपरीत 'असक्तस्य' (अनासक्त) और 'विरक्तस्य' (वैराग्यवान) की बुद्धि स्थिर रहती है।
अतः, विकल्प (D) सही है।
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