Question:

किसका उपदेश ज्ञान का स्रोत है ? 
 

Show Hint

सूत्र याद रखें: शब्द-प्रमाण = आप्त-वाक्य (सत्य, सक्षम, हितैषी व्यक्ति का कथन)। 'आम' कथन स्वतः प्रमाण नहीं।
  • आप्त पुरुष
  • आम आदमी
  • (a) तथा (b) दोनों
  • आप्त स्त्री
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

The Correct Option is A

Solution and Explanation

चरण 1: 'शब्द' प्रमाण की परिभाषा।
न्याय-दर्शन में शब्द एक स्वतंत्र प्रमाण है—आप्त (विश्वसनीय/सत्यवक्ता/सक्षम) व्यक्ति का कथन यथार्थ ज्ञान का स्रोत होता है। ग्रन्थ, गुरु, विशेषज्ञ—ये सब आप्त-वाक्य की श्रेणी में आते हैं।
चरण 2: 'आप्त' की लाक्षणिकता।
आप्त वह है जो (i) तत्त्व-ज्ञान रखता हो, (ii) सत्यभाषी हो, (iii) हितैषी हो—अर्थात जान-बूझकर भ्रमित न करता हो। इसलिए उसके उपदेश/वचन से प्राप्त ज्ञान प्रमाणित माना जाता है।
चरण 3: विकल्पों का परीक्षण।
(2) आम आदमी का कथन तब तक प्रमाण नहीं जब तक वह आप्त न हो।
(3) दोनों कहना अनुचित है—क्योंकि सभी ''आम'' कथन प्रमाणित नहीं होते।
(4) आप्त स्त्री भी वस्तुतः 'आप्त' की परिभाषा में आती है; पर न्याय परम्परा में शब्द "आप्त पुरुष" के रूप में अभिव्यक्त हुआ है (यहाँ 'पुरुष' सामान्य person अर्थ में प्रयुक्त है)। दिए विकल्पों में शास्त्रीय पदबंध (1) ही उपयुक्त है।
Was this answer helpful?
0
0