Question:

किस वाच्य में क्रिया सदैव सकर्मक होती है ?

Updated On: May 30, 2025
Hide Solution
collegedunia
Verified By Collegedunia

Solution and Explanation

कर्मवाच्य में कर्म की प्रधानता होती है, और क्रिया कर्म के अनुसार बदलती है।

कर्मवाच्य वाक्य वह होता है जिसमें क्रिया का प्रभाव या मुख्य जोर कर्म (जिस पर क्रिया होती है) पर होता है। इसका अर्थ यह है कि क्रिया को पूरा करने वाला कर्म वाक्य में मुख्य भूमिका निभाता है।

सकर्मक क्रिया वह होती है जिसका कोई न कोई कर्म (object) होता है, अर्थात् क्रिया का प्रभाव किसी व्यक्ति, वस्तु या चीज़ पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, "राम ने किताब पढ़ी" में 'किताब' कर्म है, इसलिए यह सकर्मक क्रिया है।

इसलिए, कर्मवाच्य में क्रिया का सकर्मक होना आवश्यक है क्योंकि क्रिया का असर कर्म पर पड़ता है और वही क्रिया की दिशा और अर्थ को निर्धारित करता है। कर्मवाच्य में क्रिया का रूप भी कर्म के अनुसार बदलता है जिससे वाक्य का अर्थ स्पष्ट और सटीक बनता है।

इस प्रकार, कर्मवाच्य वाक्य में कर्म की प्रधानता होने से क्रिया और वाक्य की संरचना में स्पष्टता आती है और भाषा अधिक प्रभावशाली बनती है।
Was this answer helpful?
0
0