चरण 1: प्रश्न को समझें
यह प्रश्न उस संवैधानिक संशोधन अधिनियम के बारे में पूछता है जिसके द्वारा भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि का आदान-प्रदान किया गया था। यह भारतीय संविधान और भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों से संबंधित एक महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान का प्रश्न है।
चरण 2: संबंधित संवैधानिक संशोधन अधिनियम की पहचान करें
भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चली आ रही भूमि सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता किया गया था। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने कुछ परिक्षेत्रों (enclaves) और संलग्न क्षेत्रों का आदान-प्रदान किया। इस समझौते को संवैधानिक दर्जा देने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया।
100वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2015: यह अधिनियम भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते (1974 का समझौता और 2011 का प्रोटोकॉल) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है। इसके माध्यम से परिक्षेत्रों का आदान-प्रदान किया गया, और सीमा क्षेत्रों का सीमांकन भी किया गया।
चरण 3: विभिन्न विकल्पों का विश्लेषण करें
(A) 100वें: यह वह संविधान संशोधन अधिनियम है जिसके तहत बांग्लादेश के साथ भूमि का आदान-प्रदान किया गया था।
(B) 101वें: यह संविधान संशोधन अधिनियम वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित है, जिसे 2016 में लागू किया गया था।
(C) 99वें: यह संविधान संशोधन अधिनियम राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) से संबंधित था, जिसे बाद में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित कर दिया गया था।
(D) 104वें: यह संविधान संशोधन अधिनियम (2020) लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों के आरक्षण को दस और वर्षों के लिए बढ़ाने और एंग्लो-इंडियन के लिए आरक्षण को समाप्त करने से संबंधित है।
चरण 4: सही उत्तर की पहचान करें
उपरोक्त विश्लेषण के आधार पर, 100वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा बांग्लादेश के साथ भूमि का आदान-प्रदान किया गया था।
सही उत्तर है $\boxed{\text{(A) 100वें}}$।