खालील मुद्दयांना अनुसरून कोणत्याही एका कवितेसंबंधी खालील कृतं सोडवा :
| कृती | 'अंकिला मी वास तुझा' किंवा 'स्वप्न करू साकार' | 'वणवा लागलास नर्मी । पाडस सिंतीत हरणी ॥' |
|---|---|---|
| 1. | प्रस्तुत कवितेचे कवी/कवयित्री | |
| 2. | प्रस्तुत कवितेचा विषय | |
| 3. | प्रस्तुत कविता आवडण्याचे वा न आवडण्याचे कारण | |
| 4. | दिलेल्या ओळींचा सर्थ अर्थ ‘या देशाच्या मातीतवरती अमृताचा रे अभिषेक’ ‘नव्याच दिवसाचे, नव्या युगाचे स्वप्न करू साकार’ | |
| 5. | प्रस्तुत कवितेतील शब्दांचा अर्थ (i) माता (ii) कन्याबंधु (iii) कोज (iv) धेनू | (i) विषय (ii) शक्ती (iii) विश्व (iv) हस्त |
| कृती | 'अंकिला मी दास तुझा' किंवा 'स्वप्न करू साकार' | 'वणवा लागलास नर्मी । पाडस सिंतीत हरणी ॥' |
|---|---|---|
| 1. | कवी/कवयित्री : ‘अंकिला मी दास तुझा’ - महात्मा गांधी | कवी/कवयित्री : ‘वणवा लागलास नर्मी’ - कविवर्य सुमित्रानंदन पंत |
| 2. | प्रस्तुत कवितेचा विषय : ‘अंकिला मी दास तुझा’ - देशभक्ती, त्याग आणि स्वातंत्र्याचा संदेश | प्रस्तुत कवितेचा विषय : ‘वणवा लागलास नर्मी’ - पर्यावरण व मानवजगत |
| 3. | प्रस्तुत कविता आवडण्याचे वा न आवडण्याचे कारण : आवडले कारण : या कवितेमध्ये देशभक्तीची आणि स्वातंत्र्याची एकात्मतेचा तेजस्वी संदेश मिळतो. | प्रस्तुत कविता आवडण्याचे वा न आवडण्याचे कारण : आवडले कारण : पर्यावरण व पृथ्वीतील समतोल सांभाळण्याचा संदेश कविवर्याने सुंदररित्या मांडला आहे. |
| 4. | दिलेल्या ओळींचा सर्थ अर्थ : ‘या देशाच्या मातीतवरती अमृताचा रे अभिषेक’ - या देशावर आपला हक्क आहे, आपल्या त्यागाने हाच देश पवित्र होईल. ‘नव्याच दिवसाचे, नव्या युगाचे स्वप्न करू साकार’ - नवीन युगाचे, नवीन परिवर्तनाचे स्वप्न आपण साकार करावे. | दिलेल्या ओळींचा सर्थ अर्थ : ‘वणवा लागलास नर्मी’ - कविवर्य निसर्गातील संतुलन बिघडल्याचे वर्णन करतात. ‘पाडस सिंतीत हरणी’ - निसर्गाच्या असमतोलामुळे सर्व सजीवांना त्रास होतो, हे कवितेचे चिंतन आहे. |
| 5. | प्रस्तुत कवितेतील शब्दांचा अर्थ : (i) माता - मातृभूमी किंवा मातेसमान पृथ्वी. (ii) कन्याबंधु - मायचे बंधु, सहकारी. (iii) कोज - कष्ट, परिश्रम. (iv) धेनू - गाय, ज्याला श्रद्धेचे प्रतीक मानले जाते. | प्रस्तुत कवितेतील शब्दांचा अर्थ : (i) विषय - शक्तिमान, सामर्थ्य. (ii) प्रकृती - निसर्ग, सृष्टी. (iii) विश्व - जग, ब्रह्मांड. (iv) हस्त - हात, कर्तृत्वाचे प्रतीक. |
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निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(4) सार्वजनिक रुग्णालयों की स्थिति के बारे में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(3)(ii) निम्नलिखित शब्दों के लिए गद्यांश में उल्लेखित समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) रुग्णालय
(2) शक्ल
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(3)(i) गद्यांश में उल्लेखित अंग्रेजी शब्द लिखिए।
(1) ...........
(2) ...........
निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
आँख खुली तो मैंने अपने-आपको एक बिस्तर पर पाया। इर्द-गिर्द कुछ परिचित-अपरिचित चेहरे खड़े थे। आँख खुलते ही उनके चेहरों पर उत्सुकता की लहर दौड़ गई। मैंने कराहते हुए पूछा "मैं कहाँ हूँ ?"
"आप सार्वजनिक अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में हैं। आपका ऐक्सिडेंट हो गया था। सिर्फ पैर का फ्रैक्चर हुआ है। अब घबराने की कोई बात नहीं।" एक चेहरा इतनी तेजी से जवाब देता है, लगता है मेरे होश आने तक वह इसलिए रुका रहा। अब मैं अपनी टाँगों की ओर देखता हूँ। मेरी एक टाँग अपनी जगह पर सही-सलामत थी और दूसरी टाँग रेत की थैली के सहारे एक स्टैंड पर लटक रही थी। मेरे दिमाग में एक नये मुहावरे का जन्म हुआ। 'टाँग का टूटना' यानी सार्वजनिक अस्पताल में कुछ दिन रहना। सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काँप उठा। अस्पताल वैसे ही एक खतरनाक शब्द होता है, फिर यदि उसके साथ सार्वजनिक शब्द चिपका हो तो समझो आत्मा से परमात्मा के मिलन होने का समय आ गया। अब मुझे यूँ लगा कि मेरी टाँग टूटना मात्र एक घटना है और सार्वजनिक अस्पताल में भरती होना दुर्घटना।
(2) उत्तर लिखिए :
