'करुण' रस अथवा 'शांत' रस का लक्षण बताते हुए उसका एक उदाहरण लिखिए।
करुण रस: करुण रस वह रस है, जो शोक, दुःख या पीड़ा की भावना उत्पन्न करता है। इसका स्थायी भाव शोक होता है।
उदाहरण:
"सखि वे मुझसे कह कर जाते,
कहा छोड़ अब परदेश बसे।"
शांत रस: शांत रस वह रस है, जिसमें वैराग्य, त्याग और मन की शांति की भावना होती है। इसका स्थायी भाव निर्वेद होता है।
उदाहरण:
"सब कुछ छोड़ चला मैं, अब तेरा ही सहारा।"
करुण रस अथवा शान्त रस का लक्षण के साथ उदाहरण लिखिए।
शांत अथवा वात्सल्य रस की परिभाषा लिखकर उसका उदाहरण दीजिए।
'संयोग श्रृंगार' रस अथवा 'करुण' रस का लक्षण सहित एक उदाहरण लिखिए।
'विभाव' (विस्तारक) श्रृंगार रस अथवा 'करण' रस का संक्षेप में उदाहरण अथवा परिभाषा लिखिए।
हर्ष रस अथवा 'द्वार' रस का स्थायी भाव के साथ उदाहरण परिभाषा लिखिए।