In the adjoining figure, \(PQ \parallel XY \parallel BC\), \(AP=2\ \text{cm}, PX=1.5\ \text{cm}, BX=4\ \text{cm}\). If \(QY=0.75\ \text{cm}\), then \(AQ+CY =\)
In the adjoining figure, \( \triangle CAB \) is a right triangle, right angled at A and \( AD \perp BC \). Prove that \( \triangle ADB \sim \triangle CDA \). Further, if \( BC = 10 \text{ cm} \) and \( CD = 2 \text{ cm} \), find the length of } \( AD \).
In the adjoining figure, \( AP = 1 \, \text{cm}, \ BP = 2 \, \text{cm}, \ AQ = 1.5 \, \text{cm}, \ AC = 4.5 \, \text{cm} \) Prove that \( \triangle APQ \sim \triangle ABC \).
Hence, find the length of \( PQ \), if \( BC = 3.6 \, \text{cm} \).
In the adjoining figure, if \(\dfrac{AD}{BD} = \dfrac{AE}{EC}\) and \(\angle BDE = \angle CED\), prove that \(\triangle ABC\) is an isosceles triangle.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर संबंधित उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए :
आज पूरी दुनिया में व्यापक जल संकट है। एक तरफ हिमनद (ग्लेशियर) का पिघलना और दूसरी तरफ बर्बादी-खुबाई का बढ़ता आना हो रहा है। आमतौर पर नदियों में पानी बढ़ रहा है। हिमनद जब पिघलते हैं, तो उन नदियों के उद्धार का पास ही लोग उसका उपयोग करने लगते हैं। हिमनदों के पिघलने के कारण हमारी पर्यावरण भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। नदियों की बहती प्रवाह में अपने ही धीमी-धीमी गति बदलती जा रही है। जल–वायु संकट में आता जा रहा है, उनके जल–वोषण का संकट, उससे होने वाले प्रभाव अत्यंत बहुत हैं। जिन्हें हिमनद पिघलते हैं, उनके आपस–रूपथल जल की कमी होती है। जल और तापमान के कारण पृथ्वी नई स्थितियों का सामना सामना आ सकता है। इस संकट में होने वाले कारण के उपाय उपाय बहुत हैं।
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपवूर्क पढ़कर उस पर आधािरत पछे गए प्रश्नों के उत्तर :
गीत कह रहे हैंअपने िदनांक
चालूदुःखों और में है
िजन की जो हकदारी बनती है
उसे अिनवायर्तौर पर
सौंप दी जाए तुरंत
तीसरे स्तंभ के प्रमुख,
िक उन्हें लग रही है शंका
अभी के िलए मलभू त हक़ों में है :
जीने का भी हक़ ।
***
सब खोले रखने अिनवायर्
तभी तो आपात दशा पड़े
बाहर के पैग़ाम
िहलती िदखें सींवरें ,
धलों से ढका रहे चेहरा ू
फलों से गवाही
िवशालकाय गीत अटूट सत्य
गाथा-गाथी-सी िवस्तृत
और मनुष्य के मेघ,
बाहर बने रहे यह देखें ,
नहीं समय की झािड़यों में , नहीं नीचे
पुस्तक वाली आंखों एक अदृश्य तर
लकीर, बना रहे वही जो िवस्तृत
और अनंत तक फै ला है
बस उन्हीं के हवाले है ।
काशी में कलाधर-हनुमान हैं और नृत्य-विश्वनाथ हैं ।
(सरल वाक्य में बदलिए)